जल जीवन मिशन घोटाला: चमोली में जल निगम व जिला पंचायत के अभियंताओं पर मुकदमा दर्ज
चमोली, उत्तराखंड – जल जीवन मिशन के तहत सुनला पेयजल योजना में कथित अनियमितताओं के चलते जल निगम और जिला पंचायत के दो अवर अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के निर्देश पर हुई, जिसमें पाया गया कि परियोजना के तहत स्वीकृत पाइपलाइन से काफी कम कार्य धरातल पर किया गया।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता गोपाल वनवासी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें थराली और देवाल ब्लॉक की कुल 88 पेयजल योजनाओं की जांच की मांग की गई थी। इन योजनाओं को जल जीवन मिशन के तहत लागू किया गया था, लेकिन आरोप था कि इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ हुई हैं।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया कि सुनला पेयजल योजना में 4026 मीटर पाइपलाइन बिछाने की स्वीकृति थी, लेकिन मौके पर केवल 2653 मीटर पाइपलाइन ही मौजूद थी। यानी 1373 मीटर पाइपलाइन गायब थी, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई।
अधिकारियों पर गिरी गाज
जांच के आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट थराली, देवांश राठौड़ ने थाना थराली को निर्देश दिया कि दोषियों पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। इसके बाद,
जल निगम के अवर अभियंता (JE) हेमंत कुमार
जिला पंचायत के अवर अभियंता (JE) कुलदीप नेगी
के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 316, 318, 338, 340 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
जल जीवन मिशन में पहले भी उठ चुके हैं सवाल
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुँचाना है। लेकिन उत्तराखंड में इस योजना को लेकर पहले भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं।
आगे की कार्रवाई
इस मामले में अब पुलिस जांच के बाद अभियुक्तों पर सख्त कार्रवाई होने की संभावना है। अगर भ्रष्टाचार के और भी प्रमाण मिलते हैं, तो इसमें शामिल अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!