भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं, पारदर्शिता को बढ़ावा दें!

सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005, हर नागरिक को यह शक्ति देता है कि वह सरकार और प्रशासन से जवाबदेही की मांग कर सके। यदि आप सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं या पारदर्शिता की कमी का सामना कर रहे हैं, तो RTI आपका सबसे प्रभावी हथियार है।


RTI क्या है और यह क्यों जरूरी है?

RTI (Right to Information) अधिनियम भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सके। इसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।

सरकारी रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त करें
घोटालों और अनियमितताओं को उजागर करें
न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा दें


📝 RTI कैसे दाखिल करें?

RTI दाखिल करना बेहद आसान है। बस इन सरल चरणों का पालन करें:

सटीक प्रश्न तैयार करें – स्पष्ट और संक्षिप्त सवाल लिखें
संबंधित विभाग चुनें – सही सरकारी कार्यालय को आवेदन भेजें
RTI शुल्क जमा करें – आमतौर पर ₹10 का शुल्क होता है
लिखित या ऑनलाइन आवेदन करें – डाक द्वारा भेजें या संबंधित पोर्टल पर अपलोड करें
30 दिनों में उत्तर प्राप्त करें – विभाग कानूनी रूप से बाध्य होता है कि वह 30 दिनों के भीतर जवाब दे।

RTI फाइल करने के लिए वेबसाइट: https://rtionline.gov.in/


RTI से उजागर किए गए प्रमुख भ्रष्टाचार मामले

गोपाल वनवासी के नेतृत्व में विभिन्न महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार मामलों का खुलासा हुआ है, जिनमें शामिल हैं:

📌 जल निगम घोटाला (बागेश्वर और चमोली) – RTI के माध्यम से भ्रष्टाचार उजागर कर FIR दर्ज कराई गई
📌 600 करोड़ का चावल घोटाला (उधम सिंह नगर) – उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर
📌 खनिज फाउंडेशन न्यास दुरुपयोग (बागेश्वर) – उच्च न्यायालय नैनीताल में मामला दर्ज
📌 अवैध स्टोन क्रशर (रामनगर) – राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में जनहित याचिका


भ्रष्टाचार के खिलाफ उठें और सत्य की खोज में शामिल हों!

आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार!